बुधवार, 25 जनवरी 2012

चाहत .....

    

चाहते कम न थी यारब मेरे सीने में ....
तुमने  एक बार कहा तो होता .....








तुम किसी और के होकार भी मेरे दिल में बसे हो !
इस बात को सबको बता दूँ, यह जरूरी तो नहीं ?

प्यार गर तू मुझसे नहीं करता तो कोई बात नहीं -
दिल मेरा तुझको चाहता हैं यह बड़ी बात हैं ?

अपने जज्बातो को दफ्न करके आज कहती हु यारा -
दिल को दुखाना नहीं, यह प्यार से लबरेज़ हैं तुम्हारे लिए ?



अपनी वफ़ा की दास्ताँ हर कहीं,कही नहीं मैनें -
तुमसे पूछा तो,यू मुस्कुरा दिए- और बात टाल दी तुमने ?



मेरे प्यार की शमां,अब यही नसीब हैं मेरा --
दम भर में जैसे बुझ गई,पल भर में जैसे जल उठी ?



लाखो सवाल घिर आए हैं मेरे सामने या रब --
उनको सामने देखा तो तबियत मचल गई ????




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