"वो एक अलसाई हुई दोपहर थी********
मैं गहरी नींद में******
सौ रही थी **** !
अचानक ****
तुम मेरे पहलु में आ गए ******
मैनें अधखुली आँखों से तुम्हें देखा *****
तुम मुस्कुरा रहे थे ********
मुझे प्यार से देख रहे थे ******
मैनें जोर से तुम्हें ,
अपनी बांहों मै भींच लिया *******
अधरों से अधर मिले *******
और दिल से दिल ******
मानो, जन्मों की प्यास 'कुछ' ही पल में बुझ गई ****
और मैं, तुम्हारे सीने से लगकर वापस सौ गई ******!
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