रविवार, 28 मई 2017

*बेसहारा-सी एक चुभन*

*बेसहारा- सी एक चुभन*





*बेसहारा सी एक चुभन*
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यूही घसीट रही है जिंदगी
जीने की चाह नही----
लेकिन मौत का ख़ौफ़
चेहरे पर दिखता क्यो नही?

क्यो चेहरे से फूटती है रश्मियां,
नये - नये धुले सूरज की तरह---
क्यों आंखों के पोर नम नही होते,
ओंस मैं भीगी पत्तियों की तरह----

क्यों उदास पलकों से झांकती है जीने की चाह,
क्यों हसीन ख्वाब बुनती हूं , परिंदों की तरह,
क्यो बिछाते नही मेरे लिए चन्दन की चिता,
क्यो मुझे अब भी रखते हो गुलाब की पंखुड़ियों की तरह,।

मैं ख़्वाब नही जो टूट के बिखर जाउंगी
मैं एक सच हूँ ! ज्वलन्त नजर आउंगी
मैं गुजरा वक्त नही जो आ न संकू ?
मैं आज हूं ! कल भी नजर आउंगी ।।
---दर्शन के दिल से @











रविवार, 25 नवंबर 2012

" अद्रश्य ड़ोर"








उसके  और मेरे बींच वो क्या है  जो हम दोनों को जोडती  है ...
एक अद्रश्य डोर है  जो  मजबूती से हमे जकड़े  हुए है ....
वो इसे प्यार नहीं कहता ---
पर यह मेरे प्यार का  एहसास है---  
मैं उसे बेहद प्यार करती हूँ  ---
मैं  इस एहसास को क्या नाम दूँ  ...
समझ नहीं पाती  हूँ ...
वो कहते है न---- ' दिल को दिल से राह होती  है---'
जब भी वो अचानक मेरे ख्यालो की खिड़की खोल कर झांकता  है ...
तो मैं  तन्मयता से उसे  निहारती हूँ --
तब सोचती हूँ की यह क्या है ? जो हमे एक दुसरे से जोड़े हुए है --?
मैं इसे प्यार का नाम देती हूँ --
तब वो दूर खड़ा इसे 'इनकार' का नाम  देकर मानो अपना पल्ला झाड लेता है -- 
 क्यों वो इस 'लौ ' को पहचानता नहीं ----?
या पहचानता तो है पर मानता नहीं ..?
पर इतना जरुर है मेरे बढ़ते कदम उसके इनकार के मोहताज नहीं .......
दर्शन 'दर्शी '

सोमवार, 3 सितंबर 2012

समुंदर का मोती







वो समुंदर का मोती था ...सिप उसका घर था ..
बाहरी  दुनियाँ से वो अनजान था .....
अपने दोस्तों से उसको बहुत प्यार था ...
कुर्बान था वो अपनी दोस्ती पर ,
मस्त मौला बना वो गुनगुनाता रहता था ...
दोस्तों के छिपे खंजर से वो अनजान था ..

एक दिन उसने दोस्तों का असली रूप देखा ..
दिल टूट गया उसका ..
एक भूचाल -सा आ गया उसके जीवन में ..
वो अंदर तक तिडक गया ...
फिर भी वो शांत रहा ...
शांति से निकल गया दूर बहुत दूर ...
इस स्वार्थी दुनिया से परे ...
अपनी छोटी -सी दुनियां में ...
जहाँ वो आज खुश है ...पर -----
"दिल पर लगी चोट कभी -कभी हरी हो  जाती है ..
खून बहने लगता है ...कराहटे निकलने लगती है ..."



 

बुधवार, 27 जून 2012

मोहब्बत...









किसी ने मुझसे पूछा ------

"क्या आपको किसी से मोहब्बत है ?"
मैनें कहा ----"हाँ "
"किस से ??? 
मैंने कहा ----

"मुझे मुहब्बत है 'आंसूओ' से .... 
जो किसी की याद में बहते है ----

मुझे मोहब्बत है 'दर्द' से ...
जब किसी के दिल में उठता है --- 

मुझे मोहब्बत है 'जख्मों' से ....
जब कोई पत्थर- दिल देता है ----

मुझे मोहब्बत है 'सज़ा' से ...
जब कोई बा - वफ़ा भोगता है ----

मुझे मोहब्बत है 'आह' से ...
जब किसी दुखी दिल से निकलती है ---

मुझे मोहब्बत उन सब चीजो से है ...
जिससे मोहब्बत का इतिहास लिखा गया ....!





शुक्रवार, 22 जून 2012

जिन्दगी का तीसरा पहर








 जिन्दगी के इस तीसरे पहर में ---
जब मुझे तुमसे प्यार होता है ?
तो महसूस होता है मानो जलजला आ गया हो ?
और मुसलाधार बारिश उसे शांत कर रही हो ?
मेरा स म्पूर्ण व्यक्तित्व मानो निखर गया हो ?
मेरे जीवन का सपना जैसे साकार हो गया हो ....?

जब मेरी गुदाज़  बांहों में तुम्हारा जिस्म  आता हैं 
तो यु लगता है मानो मृग को कस्तूरी का भान  हुआ हो 
और वो कुलांचें भरता हुआ इधर -उधर दौड़ता फिर रहा हो  
मानो कस्तुरी की चाह में कुछ  खोजता फिर रहा हो ..?

जब तेरे जलते हुए होंठ मेरे प्यासे होठों को  छूते है 
जब तेरा  अस्तित्व मेरे समूचे व्यक्तित्व को निगलता है 
तब रगों में दौड़ने वाला रक्त अमृत बन जाता है  
तब मदहोशी का यह अमृत मैं घूंट -घूंट पीती हूँ ..?

तब प्यासी लता बन मै तेरे तने से लिपट जाती हूँ 
और तुम मुझे अपनी बांहों में समेट लेते हो 
तब मेरी अनन्त  की प्यास बुझने लगती है 
और मैं तुम्हारी बांहों में दम तोड़ देती हूँ --

तब मेरा नया जनम होता है 
एक बार फिर से -----
तेरे सहचर्य का सुख भोगने के लिए ---- ?

   

शुक्रवार, 15 जून 2012

मैं चाँद हूँ ...









मैं चाँद हूँ , जो रात को आती हूँ ....
तुम सूरज हो ..जब थक कर सो जाते हो ...

मैं मेध हूँ , जो बारिश लेकर आती हूँ ....
तुम तपन हो ..तब अपनी प्यास पूछते हो ....

मैं वीणा हूँ , तेरे नाम का गीत गाती हूँ ..
तुम पवन हो .. बस गुनगुना कर चले जाते हो ...

मैं सांस हूँ , तेरे दिल में धडकती हूँ ...
तुम पत्थर हो..यु ही ठुकराकर चले जाते हो ....





बुधवार, 13 जून 2012

किताबों के पन्नें









किताबों के पन्नें पलट के सोचती हूँ ------
यू जिन्दगी पलट जाए तो क्या बात हैं ----
तमन्ना जो पूरी हो ख़्वाबों में ,
हकीकत बन जाए तो क्या बात हैं ----
लोग तो मतलब के लिए ढूंढते हैं मुझे ,
बिना मतलब कोई आए तो क्या बात हैं ----
कत्ल करके तो सब ले जाएगे दिल मेरा ,
कोई लुभाकर ले जाए तो क्या बात हैं ----
जिन्दा रहने तक तो ख़ुशी दूंगी सबको ,.
किसी को मेरी मौत से ख़ुशी मिल जाए तो क्या बात हैं ---- !