कभी - कभी हमको अनजानी राहों में
मन-भावन कुछ मीत हमें मिल जाते हैं
हौले हौले हवा चले तो हौले हौले बात बढे
चलते चलते राहगीर दिल मे बस जाते हैं
अंखियो से अंखियों की बातें अक्सर होती
उससे आगे बढ़ने मे महीनो लग जाते हैं
मिलना और बिछड़ना जीवन की गति है
विदाई के क्षण तो नश्तर सा चुभ जाते हैं
बिना बजह सबसे मिलना हमको भाता है
विदा हुए वो भी सदैव दिल में बस जाते हैं
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